जनरल मनोज पांडे, पीवीएसएम , एवीएसएम , वीएसएमindian army

जनरल मनोज पांडे, पीवीएसएम , एवीएसएम , वीएसएम


जनरल मनोज पांडे
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जनरल मनोज पांडे का जन्म  महाराष्ट्र के नागपुर में 06 मई 1962  को हुआ था,इनके पिता का नाम श्री डॉक्टर  सीजी पांडे और माता जी का नाम श्री मति प्रेमा पांडे था,,इनके पिता श्री डॉक्टर सीजी पांडे एक मनोचिकित्सक थे,और नागपुर के विश्व विद्यालय में मनो विज्ञान के प्रमुख के पद पर थे,और इनकी माता जी श्रीमती प्रेमा ऑल इंडिया रेडियो में कार्यरत थी,जनरल मनोज पांडे  ने नागपुर में ही अपनी पढ़ाई पूरी की ,उन्होंने जनवरी 1979 में एनडीए को परीक्षा पास की ,,और 61 वे बैच में पर्वेश लिया,,04 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद 24 दिसंबर 1982 में वे इंडियन मिलिट्री अकादमी से पासआउट हुए, उनको बॉम्बे इंजीनियर्स में बतौर सेकंड लेफ्टिनेंट नियुक्त किया गया,
03 मई 1987 में जनरल मनोज पांडे ने अर्चना सालपेकर से शादी कर ली ,श्रीमती अर्चना  गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागपुर में गोल्ड मेडलिस्ट थी,

सैनिक जीवन......

                        बॉम्बे इंजीनियर्स  में तैनाती के बाद उन्होंने पुणे के मिलिट्री कॉलेज से मिलिट्री इंजीनियरिंग ,और  सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्राप्त की । इसके बाद उन्होंने अलग अलग जगहों पर अपनी सेवाए दी, उन्होंने  संयुक्त राष्ट्र मिशन  में भी हिस्सा लिया और इथियोपिया और इरिट्रिया में मुख्य अभियंता का पदभार संभाला, संयुक्त राष्ट्र मिशन  में  अपना टर्न ओवर पूरा करने के बाद वे भारत वापस आगे,जिसके बाद स्टाफ कोर्स की पढ़ाई के लिए उनका चयन यूनाइटेड किंगडम में स्टाफ कॉलेज (केम्बरली)के लिए हो गया,उसके बाद उन्होंने भारत के भिन्न भिन्न इलाको में ड्यूटी की ,
                 जनरल मनोज पांडे ने ऑपरेशन पराक्रम के दौरान 117 इंजीनियर्स रेजिमेंट की कमान संभाली ,,117 इंजीनियर्स रेजिमेंट लाइन ऑफ कंट्रोल में तैनाद थी ,और एलओसी पर फैंसिंग का कार्य कर रही थी,,जो की बहुत ही चुनौतियों से भरा हुआ था,,लेकिन जनरल मनोज पांडे( उस समय सी ओ) के नेतृत्व में यूनिट ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया जिसके लिए यूनिट को प्रसंशा पत्र भी प्राप्त हुआ,
                 117 इंजीनियर्स रेजीमेट को कमांड करने के बाद  उन्होंने आर्मी वार कॉलेज महु से हायर कमांड की पढ़ाई की,आर्मी वार कॉलेज महु से हायर कमांड का कोर्स पूरा करने के बाद इनको 8 माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू के पद का जिम्मा सौपा गया,इसके बाद उनको ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत किया गया,और उनको एक स्ट्राइक कोर में इंजीनियर्स ब्रिगेड की कमांड सौंपी गई,इंजीनियर्स ब्रिगेड में टर्न पूरा करने के बाद इनको लाइन ऑफ कंट्रोल में 52  इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमांड का जिम्मा सौपा गया,,जिसकी इन्होने बहुत ही अच्छे से पूरा किया।इसके बाद उनका चयन
राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज में हुआ और वहा से कोर्स पूरा करने के बाद  उनको मुख्यालय पूर्वी कमान में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ ऑपरेशंस (बीजीएस-ऑप्स) के पद पर  नियुक्त किया गया।

  मेजर जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद ,जनरल मनोज पांडे ने 8 माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली, 08 माउंटेन डिवीजन लद्दाख में ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात थी,,इसके बाद उनको सेना मुख्यालय में सैन्य अभियान निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के पद का कार्यभार दिया गया, इसके बाद उनको लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया ,लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर आने के बाद उनको दक्षिणी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ के पद का कार्यभार दिया गया,30 अप्रैल 2020 को, जनरल मनोज पांडे को अंडमान और निकोबार कमांड (CINCAN) का अगला कमांडर-इन-चीफ नियुक्त किया गया।एक साल बाद, उन्हें पूर्वी कमान का जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ नियुक्त किया गया। 1 फरवरी 2022 से 30 अप्रैल 2022 तक उन्होंने indian armyके उप थल सेनाध्यक्ष  का पद संभाला,
  8 अप्रैल 2022 को, भारत सरकार ने उन्हें जनरल मनोज मुकुंद नरवाने के उत्तराधिकारी के रूप में  भारतीय सेना के अगले थल सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया । 01 मई 2022 से उन्होंने indian army के  थल सेनाध्यक्ष का कार्य भार संभाल लिया है
 
वे भारतीय सेना के पहले थल सेनाध्यक्ष है जो कोर ऑफ इंजीनियर्स से है,
जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना के 29 वे सेनाध्यक्ष  है,


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