फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों(PARAMVIR CHAKRA)

 फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों(PARAMVIR CHAKRA)

                                                                       फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों INDIAN AIR FORCE के पहले  और एकमात्र PARAMVIR CHAKRA विजेता है।इन्होंने सन 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध में असीम पराक्रम का परियच दिया था,और वीरगति को प्राप्त हो गए थे।निर्मलजीत सिंह ने श्रीनगर एयर बेस में पाकिस्तान एयरफोर्स के विरुद्ध असाधारण साहस , उच्चतम उड़ान कौशल का परिचय दिया था। इन्होंने अपने जेट से पाकिस्तान के 3 आधुनिक जहाजों को मार गिराया था  आइए जानते हैं इनकी वीरता और इनकी जिंदगी की कुछ रोचक बातें!

                              फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों जी का जन्म 17 जुलाई 1947 को पंजाब के लुधियाना (इसेवाल गाव) में एक सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम तरलोक सिंह सेखो था।इनके पिता भी  एयर फोर्स में FLYING OFFICER( HONORARY) के पद पर कार्यरत थे।


फ़्लाइंग ऑफ़िसर निर्मलजीत सिंह सेखों
Image source defence academy
               

निर्मलजीत सिंह अपने पिता जी बहुत प्रेरित थे।और वो भी  INDIAN AIR FORCE में सामिल होना चाहते थे,और इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी थी।इनकी माता जी नहीं चाहतीं थी कि निर्मलजीत एयर फोर्स ज्वाइन करे मगर इनकी जिद के आगे माता जी को झुकना पड़ा और
सन 1967 में  निर्मलजीत सिंह ने बतौर पायलट 
 ज्वाइन कर ली,और तकरीबन 4 साल के बाद इनको 

 FLYING OFFICER  के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

14 दिसम्बर 1971 श्रीनगर के एयर बेस स्टेशन पर अचानक पाकिस्तान एयरफोर्स के 06 जेट विमानों ने हमला कर दिया था ।और बम बारी शुरू कर दी।निर्मलजीत सिंह उस समय ड्यूटी पर थे।उन्होंने मौके कि नजाकत को समझा और तुरंत अपने जेट के तरफ भाग पड़े।और तुरंत अपने जेट से हवा में उड़ान भर दी।और पाकिस्तानी एयक्राफ्ट्स पर 🔥 फायर शुरू कर दिया उन्होंने बहुत ही जल्द एक पाकिस्तानी जेट को मार गिराया ।उन्होंने रेडियो पर मैसेज पास किया"""" 'मैं दो सेबर जेट जहाजों के पीछे हूँ…मैं उन्हें जाने नहीं दूँगा…”

हवलदार अनिल कुमार तोमर शौर्य चक्र
हवलदार हंगपन दादा,(अशोक चक्र)
मेजर शैतान सिंह मराठी माहिती
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   खुले आसमान में चल रही इस भयानक लड़ाई में पाकिस्तान की एयर फोर्स को जरा भी एहसास नहीं था श्रीनगर एयर बेस का एक जेट उनके नाक में दम कर देगा।
   पाकिस्तानी जेट निर्मलजीत सिंह के पीछे पड़ गए। उन सभी ने मिलकर निर्मल जी के जेट को निशाना बनाने लगे।
निर्मलजीत सिंह ने फिर से रेडियो पर मैसेज पास किया"""'"
   
 "'''"मैं मुकाबले पर हूँ। मेरे इर्द-गिर्द दुश्मन के दो सेबर जेट हैं। मैं एक का पीछा कर रहा हूँ, दूसरा मेरे साथ-साथ चल रहा है'"''"(I am in competition. Surrounding me are two enemy Saber jets. I am following one, the other is following me'")
उसके बाद NIRMALJEET SINGH ने एक और  पाकिस्तानी जेट को मार गिराया जिस शौर्य का प्रदर्शन निर्मल खुले आसमान में कर रहे थे वो सच में काबिले तारीफ था।निर्मल ने पाकिस्तान जेट विमानों  के मंसूबों पर पानी फेर दिया था।वो आए तो ये सोच कर थे की श्रीनगर एयर बेस को पूरी तरह से निस्तो नाबुद कर देंगे।लेकिन निर्मल जीत सिंह ने उनके 2 जेट जहाज़ को मार गिराया था । पाक विमानों ने मिलकर निर्मल के जेट पर फायर शुरू कर दिया और कुछ देर बाद फिर से उनका एक मैसेज आया
 ""
 " मेरा जेट भी निशाने पर आ गया है… घुम्मन, अब तुम मोर्चा संभालो।”
                           लेफ्टिनेंट  घुम्मन ने  भी उनके साथ एक तरफ से मोर्चा संभाल रखा था और इसी के साथ निर्मलजीत सिंह का जेट भी क्रैश हो गया।और वे वीर गति को प्राप्त हुए।


फ्लाइंग अफसर Nirmal Jit Singh Sekhonने अपनी जान की परवाह ना करते हुए असाधारण शौर्य ,और उच्चतम उड़ान
 कौशल और उच्च कोटि कि कर्त्तव्यपरायणता का परिचय देते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
                                उनके इस बलिदान के लिए उनको 
(PARAMVIR CHAKRA (मरणोपरांत)दिया गया।  उस समय उनकी आयु केवल 28वर्ष  थी।



     जय हिंद
                                   

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