नायब सूबेदार श्रीजीत ने घायल होने के बाद भी गोलाबारी जारी रखी और आतंकी को मार गिराया

 नायब सूबेदार एम श्रीजीत (शौर्य चक्र, सेना मेडल) की कहानी

शौर्य चक्र
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जैसे मूर्ख अपनी मूर्खता नहीं छिपा सकता है उसी तरह वीर भी अपनी वीरता नहीं छिपा सकता ,,जो वीर होता है वो समय आने पर किसी भी हालात में अपनी वीरता के प्रदर्शन से पीछे नहीं हटता,जिस प्रकार अभिमन्यु ने अपनी वीरता का प्रदर्शन किया था जबकि वो हर प्रकार से घिर गए थे,,उनको पता था कि उनकी मौत निश्चित है लेकिन वे फिर भी लड़ते रहे,ठीक उसी प्रकार हमारे सैनिक भी लड़ते है कितने भी चक्रव्यू हो ,भारतीय सैनिक उस चक्रव्यू से लड़ना और निपटना अच्छी तरह जानते है,,आज इस कड़ी में आपके सामने एक और वीरता से भरी हुई सच्ची कहानी ले कर आया हु ,,दोस्तो मेरा प्रयास है ,, कि हमारे देश के जो असली हीरो हैं उनकी कहानी आप लोगो तक पहुंचे,,
तो आइए पड़ते है नायब सूबेदार एम श्रीजीत ( शौर्य चक्र,सेना मेडल) की वीरता से भरी जीवनी।


शुरुवाती जीवन:::::

नायब सूबेदार श्रीजीत का जन्म 27 मार्च 1979 में केरल के कोझीकोड जिले के थिरुवंगूर गाँव में हुआ था,इनके पिता का नाम श्री वलसन मक्कड़ा और माता का नाम श्रीमती शोबा वलसन था, अपनी शुरुवाती पढ़ाई पूरी करने के बाद 19 साल की उम्र में सन 1998 में भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट में शामिल हो गए।
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनको 17 मद्रास रेजिमेंट में बतौर सिपाई नियुक्त किया गया,17 मद्रास रेजिमेंट में वे एक बहादुर सैनिक के रूप में उभरे।इसी बीच वे सुश्री शेजिना पी के साथ विवाह के बंधन में बंध गए,
सन 2002 में नायब सूबेदार श्रीजीत को एक आतंकवादी विरोधी अभियान में असीम वीरता के प्रदर्शन के लिए"" सेना मेडल"" से स्मानित किया गया,
सन 2021 तक वे अपनी कार्यकुशलता , अनुशासन और वीरता के कारण सिपाई से नायब सूबेदार के पद तक पहुंच गए थे,वे एक अनुभवी जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में पहचाने जाते थे, ।इतने सालो में उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल ,सियाचिन ,CI OPS, और भिन्न भिन्न स्थानों में अपनी सेवाएं दे दी थी,उनके अंदर अनुभव की कोई कमी NHI थी।


सुंदरबनी सेक्टर ऑपरेशन: 08 जुलाई 2021
शौर्य चक्र
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सन 2021 में 17 मद्रास रेजिमेंट को जम्मू के सुंदर बनी इलाके में तैनाद किया गया था,। यहां पर यूनिट आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल थी,सुंदर बनी इलाके में दुश्मन की तरफ कई बार फायर की आड़ में आतंकियों को सीमा पार करवाया जाता था,

नायब सूबेदार श्रीजीत उस समय रेजिमेंट की qrt(क्विक रिएक्शन टीम) के कमांडर थे,
खुफिया जानकारी के मुताबिक कुछ आतंकी दुश्मन के द्वारा की गई गोला बारी की आड़ में लाइन ऑफ कंट्रोल को पार कर चुके थे, उन आतंकियों को पकड़ने के लिए 17 मद्रास के द्वारा खोज बीन और धर पकड़ अभियान चलाया गया था। 08 जुलाई 2021 को सुबह के लगभग 6 बजे नायब सूबेदार श्रीजीत के नेतृत्व में 17 मद्रास का एक दल आतंकियों की खोज बीन कर रहा था,इस खोजी अभियान में नायब सूबेदार श्रीजीत ने 3,से 4 आतंकियों की हरकत को देखा ,उन्होंने अपने दल के साथ आतंकियों की घेरा बंदी शुरू की,इस कार्यवाही में आतंकियों ने अपने को घिरा देख
नायब सब श्रीजीत और उनके दल पर भारी मात्रा में गोला बारी शुरू कर दी। नायब सब श्रीजीत ने पेट के बल आगे बढ़ कर आतंकियों की ऊपर परभावी गोला बारी की ,जिससे मौके पर ही एक आतंकी ढेर हो गया, इसी बीच एक दूसरे आतंकी ने नायब सब श्रीजीत के ऊपर ग्रेनेड से हमला कर दिया , ग्रेनेड के फटने के कारण नायब सूबेदार श्रीजीत और उनके एक साथी सिपाही मारुप्रोलू जसवंत रेड्डी बहुत बुरी तरह घायल हो गए,लेकिन वो कहते है न जब बात देश की हो तो सैनिक को देश के अलावा कुछ दिखाई nhi देता ,
नायब सूबेदार श्रीजीत ने घायल होने के बाद भी गोलाबारी जारी रखी
हालाकि अत्यधिक मंत्र रक्त के बह जाने के कारण नायब सूबेदार श्री जीत ने अपनी आंखे हमेशा की लिए मूंद ली ,इस घटना में उनका साथी सिपाही मारुप्रोलू जसवंत रेड्डी भी शहीद हो गए।
इस प्रकार भारत मां के दो और मुस्कराते हुए चले गए ताकि हम और आप अपने घरों में मुस्कराते रहे,,
26 जनवरी 2022 को भारत के राष्ट्र पति के द्वारा नायब सूबेदार श्री जीत को उनके असीम वीरता और असीम देशप्रेम के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया ,
जय हिंद जय भारत,


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