पैराट्रूपर अमित कुमार 04 पैरा विशेष दल
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एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से लड़ रहा था, सभी अपनी जान बचाने के लिए अपने अपने घरों में कैद थे,पूरे देश में इस महामारी का खौफ है।लोगो ने अपने आप को घरों में क़ैद कर लिया है ताकि अपनी जान बचा सके।
वहीं दूसरी तरफ इस देश के 05 बेटे जम्मू कश्मीर के किरण सैक्टर में अपनी जान की बाज़ी लगा रहे थे।ताकि हम सुरक्षित रहे ।
वही दूसरी तरफ कश्मीर ( कुपवाड़ा ) के केरन सैक्टर में कुछ विदेशी मेहमान खराब मौसम का फायदा उठा कर बिना पूछे भारतीय सीमा में घुसना चाहते थे। भारतीय सेना के जवानों ने केरन सेक्टर में आतंकवादियो की हरकत को देख लिया था।परन्तु आतंकी खराब मौसम का फायदा उठा कर वहां से बच निकलने में कामयाब हो गए
आतंकियों को पकड़ने के लिए बुधवार 1 अप्रैल 2020को एक ऑपरेशन लॉन्च किया। इलाके में मौसम इतना खराब था,कि जवानों का घुसपैठियों तक पहुंच पाना बेहद मुश्किल था।
02 दिन तक सेना खोजबीन करती रही मगर आतंकी उनकी आंखो में धूल झोंक कर आगे निकल गए
दो दिनों तक आतंकवादियों की कोई हरकत देखने को नहीं मिली.।भारी बर्फ और कठिन इलाके को देखते हुए 04 अप्रैल को भारतीय सेना ने अपने स्पेशल फोर्सेज के एक दल को उस जगह पर तैनात करने का निर्णय लिया,और भारतीय सेना की 4 पैराशूट रेजिमेंट की एक टुकड़ी को वहां तैनात किया गया था.। इस टुकड़ी में सूबेदार संजीव कुमार, हवलदार देवेन्द्र सिंह,पैराटु्पर बालकृष्ण, पैराटु्पर अमित कुमार,और
पैराटु्पर छेत्र पाल शामिल थे।इन सभी जवानों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में भी हिस्सा लिया था।
आतंकियों को पकड़ने के लिए बुधवार 1 अप्रैल 2020को एक ऑपरेशन लॉन्च किया। इलाके में मौसम इतना खराब था,कि जवानों का घुसपैठियों तक पहुंच पाना बेहद मुश्किल था।
02 दिन तक सेना खोजबीन करती रही मगर आतंकी उनकी आंखो में धूल झोंक कर आगे निकल गए
दो दिनों तक आतंकवादियों की कोई हरकत देखने को नहीं मिली.।भारी बर्फ और कठिन इलाके को देखते हुए 04 अप्रैल को भारतीय सेना ने अपने स्पेशल फोर्सेज के एक दल को उस जगह पर तैनात करने का निर्णय लिया,और भारतीय सेना की 4 पैराशूट रेजिमेंट की एक टुकड़ी को वहां तैनात किया गया था.। इस टुकड़ी में सूबेदार संजीव कुमार, हवलदार देवेन्द्र सिंह,पैराटु्पर बालकृष्ण, पैराटु्पर अमित कुमार,और
पैराटु्पर छेत्र पाल शामिल थे।इन सभी जवानों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में भी हिस्सा लिया था।
कुपवाड़ा के जुमगुंड इलाके में हेलीकॉप्टर की मदद से इस विशेष दल को ड्रॉप किया गया।बर्फ गिरने के कारण मौसम बहुत खराब था और क्षेत्र में दृश्यता कम थी।
सूबेदार संजीव कुमार ने बर्फ में आतंकवादियों के पैरो के निशान देखे और उनका पीछा किया।
सूबेदार संजीव कुमार ने बर्फ में आतंकवादियों के पैरो के निशान देखे और उनका पीछा किया।
और पीछा करते करते दल एक जमे हुए नाले के ऊपर पहुच गया जिसके ऊपर काफी मात्रा में बर्फ जमी हुई थी । जैसे ही दल के सैनिकों ने उस पर कदम रखा, वह टूट गया और उनमें से तीन सैनिक फिसलते हुए जमे हुए नाले में गिर गए।
यह वहीं नाला था जहां आतंकवादी छिपे हुए थे,और दोनों तरफ से जबरदस्त फायर शुरु हो गया.अपने साथी सैनिकों को नाले में गिरता देख बाकी बचे 2 सैनिक भी नाले में खुद गए.
बहुत ही करीबी और गुत्थम गुत्था लड़ाई में
सभी सैनिक बुरी तरह से घायल हो गए।परन्तु सभी ने असीम साहस ,का परिचय देते हुए सभी आतंकवादियो को मार गिराया।आमने-सामने की भयानक लड़ाई में पांच आतंकी मारे गए,और स्पेशल फोर्सेज के 5 जवान भी शहीद हो गए। तीन जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे जबकि दो जवान बुरी तरह से घायल हो गए थे।
घायल जवानों को श्रीनगर के मिलिट्री हॉस्पिटल में एयरलिफ़्ट किया गया, लेकिन मिलिट्री हॉस्पिटल में दोनों जवान शहीद हो गए।
घायल जवानों को श्रीनगर के मिलिट्री हॉस्पिटल में एयरलिफ़्ट किया गया, लेकिन मिलिट्री हॉस्पिटल में दोनों जवान शहीद हो गए।
सभी मारे गए आतंकवादियो के शव भी बरामद कर लिए गए हैं।उनके पास से भारी मात्रा में गोला बारूद और खाने पीने का समान बरामद हुआ है। मुठभेड़ इतनी भयानक थी कि जवानों और आतंकवादियो के शव 5 मीटर के दायरे में पड़े थे।
पैराट्रूपर अमित कुमार को 15 गोलियां लगी, लेकिन उन्होंने एक आतंकी को ढ़ेर कर दिया था
पैराट्रूपर अमित कुमार को 15 गोलियां लगी, लेकिन उन्होंने एक आतंकी को ढ़ेर कर दिया था
4-पैरा रेजिमेंट का यह दल‘‘बलिदान परम धरम’’ के अपने मोटो को सच करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे गए, वे वीर अपना नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गए। पूरा देश उनके अदम्य साहस, असाधारण शौर्य और कर्तव्य निष्ठा को हमेशा-हमेशा याद रखेगा और अपनी आने वाली पीढ़ीओं-दर-पीढ़ियों को उनकी बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान के किस्से सुनाएगा।
जय हिन्द !!!।
हवलदार अनिल कुमार तोमर शौर्य चक्र |
हवलदार हंगपन दादा,(अशोक चक्र) |
मेजर शैतान सिंह मराठी माहिती |
हाइफा का युद्ध |
बाना सिंह |
हरियाणा में कौन परमवीर चक्र विजेता है |
(( पैराट्रूपर अमित केवल 20 साल के थे,और अगले महीने उनकी शादी होने वाली थी।)
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::: पत्थर सा तन खंजर सा मन समर्पित जीवन हमारा परिचय🙏 जय हिन्द
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