राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी 17 गढ़वाल राइफल
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जिंदगी में अगर आप कुछ पाने की ठान ले तो ऐसा कोई भी मुकाम नही जिसे आप हासिल नहीं कर सकते,बस आपको अपने आप से जीतने की जरूरत होती है,अगर आप अपने आप से जीत गए तो जग जीत सकते है,अपने आप से जीतने का मतलब है कि अपने मन से जीतना क्योंकि जब भी हम कोई मुस्किल काम करने की सोचते है हमारा मन हमे आवाज देता है रहने दे इस काम में रिस्क है ,,इस काम में खतरा है ,,लेकिन उस समय जो अपने मन की आवाज को मार कर आगे बढ़ता है वही इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज करवाता है,बहुत मुश्किल होता है अपना कम्फर्ट जोन को छोड़ना ,,जो इंसान इसको छोड़ देता है ,यकीन मानिए आप वो जिंदगी में एक कामयाब मुकाम हासिल कर लेता है,, अब बात करते है सैनिक की ,जो की मेरा मूल काम है,सैनिक तो हमेशा कम्फर्ट जोन से बाहर ही रहता है ,उसको तो sayad पता ही नहीं होता की कम्फर्ट जोन है क्या,बारिश हो ,तूफान हो ,बर्फ हो ,गर्मी हो , भुख लगी हो,प्यास लगी हो,चोट लगी हो,,फिर भी वे अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करनी की कोशिश करते है,और कोशिश क्या करते है बल्कि सैनिक अपना 100% देते है,,अपने कार्य को ,,
ऐसे ही नहीं कोई सैनिक बन जाता है,आज इसी कड़ी आपके लिए एक ऐसे ही हीरो की जीवनी ले कर आया हु जिनका नाम है राइफल मैन विक्रम नेगी,
शुरुवाती जीवन...........
राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का जन्म उत्तराखंड के जिला टिहरी गढ़वाल के गजा तहसील के विमाण गांव में हुआ था,इनके पिता का नाम श्री साब सिंह नेगी और माता का नाम श्रीमती बिरजा देवी था,राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी की शुरूवाती पढ़ाई गांव में ही हुई , किसान के पुत्र होने के कारण वे बचपन से मेहनती और कर्मठ थे,,वे अपने माता पिता की इकलौती संतान थे,, अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे, सन 2015 में उनकी मेहनत रंग लाई और वे गढ़वाल राइफल में भर्ती हो गए, सन 2016 में शुरुवाती ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनको 17 गढ़वाल राइफल में बतौर राइफल मैन नियुक्त किया गया,राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी अपने गांव में पहले युवा थे जो भारतीय सेना का हिस्सा बने थे,,उनके सेना में भर्ती होने से उनके माता पिता ही नहीं बल्कि पूरे गांव में ही खुशी की लहर थी,इसके बाद में वे 17 गढ़वाल रेजिमेंट में अपनी सेवाएं देने लगे,,इसी दौरान सन 2018 में वे सुश्री पार्वती से विवाह के बंधन में बंध गए,जिससे उनको सन 2020 में एक पुत्र की प्राप्ति हुई,,घर में बहुत खुशी का माहोल था ,,घर में दादी ,मां पिता जी अन्य सब बहुत खुस थे,,लेकिन जल्द ही उनकी ये khusi गम में बदलने वाली थी,।
पुंछ ऑपरेशन: 14 अक्टूबर 2021
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कुछ समय 17GARHWAL REGIMENT के साथ ड्यूटी करने के बाद उनको 48 राष्ट्रीय राइफल्स(RR) में पोस्टिंग दी गई,48 आरआर जम्मू के पुंछ राजौरी इलाके में आतंकविरोधी अभियानों में लगी थी,इस इलाके में आतकवाद की घटाने रोज की बात है,,लाइन ऑफ कंट्रोल से देर सवेर फायर होता रहता है ,,इस फायरिंग का फायदा उठा कर आतंकी सीमा पार कर अपने नापका मनसूबे लेकर हमारी सीमा में घुस जाते,लेकिन यहां हमारे सैनिक उनका इंतजार बड़ी बेसर्बी से कर रहे होते ताकि उनको उनकी सही जगह पर पहुंचाया जा सके,
13 अक्टूबर 2021 को 48 RR को कुछ खुफिया जानकारी मिली की कुछ आतंकी सीमा पार करके मेंढर सेक्टर के घने जंगलों में छुपे हुए है,48 आरआर ने तुरंत एक्शन लेते हुए एक खोजी अभियान शुरू किया और अपने कुछ गश्ती दल घने जंगलों की तरफ अभियान में भेज दिया ,राइफल मैन विक्रम नेगी भी उसी दल का हिस्सा थे ,जिन्होंने इन छुपे हुए आतंकियों को नरक में पहुंचाने का जिम्मा उठाया था,
14 अक्टूबर 2021 को दल ने घने जंगल को चारो तरफ से घेर लिया और तलाशी लेते हुए हुए आगे बढ़ रहे थे,कुछ समय के बाद ही दल का आतंकियों से आमना सामना हो गया,और दोनो तरफ़ से भारी गोला बारी शुरू हो गई, आतकवादियो ने सेना के दल के ऊपर भारी मात्रा में गोला बारी शुरू कर दी थी ,,और ग्रेनेड से भी हमले किया,इस गोला बारी में राइफल मैन विक्रम नेगी और रायफल मैन योगेंद्र सिंह को कई गोलियां लग गई,,जिसके कारण वे बहुत बुरी तरह से घायल हो गए,अत्यधिक मात्रा में रक्त बह जाने के कारण और अपने घावों के कारण इन दोनो सैनिकों ने अपने प्राणों को कुर्बानी दे दी,,और शहादत को प्राप्त हुए,राइफल मैन विक्रम नेगी ने 26 साल की आयु में अपने प्राणों की आहुति दी ,,उनका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में किया गया ,,उनका 2 साल का एक बेटा है,,परिवार में मां पिता जी ,पत्नी पार्वती है ,,
इस तरह से दो और वीर सैनिक अपने प्राणों की आहुति दे गई भारत मां के लिए, लेकिन सोचिए उनके 2 साल के बेटे का भविष्य,,उनकी पत्नी का भविष्य,,,ऐसे जवानों और भारत मां के सच्चे सपूतों को मेरा सत सत नमन ,
जय हिंद
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INDIAN ARMY JINDABAAD
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