Veer Jawans of Indian Air Force
कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला( अशोक चक्र, मरणोपरांत)
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कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला भारतीय वायु सेना में गरुड़ कमांडो फोर्स के सदस्य थे।वे 18 नवम्बर 2017 को जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादी विरोधी अभियान में वे शहीद हो गए थे इस अभियान में निराला जी ने 2 आतंकवादियो को मार गिराया था,जिसके लिए उन्हें अशोक चक्र( मरणोपरांत)से सम्मानित किया गया था।
कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला INDIAN AIR FORCE के तीसरे सैनिक है जिनको ashok chakra दिया गया है,और वे पहले एयरमैन हैं जिनको ये सम्मान दिया गया है
कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला जी का जन्म 15 नवम्बर
1985 को बिहार के रोहतास जिले में बादिलडिह गांव में हुआ था।इनके पिता जी का नाम श्री तेजनारायान्न और माता जी का नाम मालती देवी था।
कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला सन 2005 में भारतीय वायु सेना में बतौर एयरमैन भर्ती हुए थे। बाद में ये वायु सेना के विशेष दल (गरुड़ कमांडो) में शामिल हो गए।
सन 2010 में ज्योति प्रकाश जी की शादी श्रीमती सुषमा नंद जी से हो गई।
सन 2017 में निराला जी के विशेष दल को जम्मू कश्मीर में 13 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ। तैनात किया गया था.
18 नवम्बर 2017 को एक खुफिया जानकारी मिलने पर
चंद्रगढ़ गांव में एक सयुक्त आतंकवादी विरोधी अभियान चलाया गया। खोजी अभियान के दौरान दल ने एक घर को घेर लिया था जिसमे 06 आतंकवादी छुपे हुए थे।।अपने को घिरा देख आतंकियों ने सेना के दल पर ग्रेनेड फेका और भाग जाने के मकसद से गोलाबारी शुरू कर दी।कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकवादियो के भाग जाने वाले रास्तों को अपने फायर से बंद कर दिया और आतंकी पर जमकर गोला बारी की।इस गोला बारी में कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला ने 02 आतंकवादीयो को मार गिराया और 2 अन्य को घायल कर दिया।जिसमे कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला को भी गोली लग गई परन्तु गोली लग जाने के बावजूद भी कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला ने अपनी जान ,और अपने जख्मों की परवाह ना करते हुए जबाबी गोलाबारी जारी रखी जिसमे सभी 06 आतंकी मारे गए।बाद में अत्याधिक रक्त बह जाने और गोलियों की भयानक चोट के कारण वे वीरगति को प्राप्त हुए।
कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला ने आतंकवादियो के साथ लड़ने में असाधारण वीरता का परिचय देते हुए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।उनके इस बलिदान के लिए कॉरपोरल ज्योति प्रकाश निराला को अशोक चक्र (मरणोपरांत)से सम्मानित किया गया,और वे अपना नाम भारत , व भारतीय वायु सेना के इतिहास के पन्नों में दर्ज करा गए।
जब इनकी बहन की शादी हुई तब बहन को भाई की कमी महसूस ना हो तो उनके साथी( गरुड़ कमांडो फोर्स )ने उनके घर पहुचकर इनकी बहन के लिए अपने हाथों का रास्ता बनाया, अपनी हथेली पर बहन के पैर रखकर उनको विदा किया,जो कि गरुड़ कमांडो के आपसी प्रेम को दर्शाता है।
जय हिन्द,
हवलदार अनिल कुमार तोमर शौर्य चक्र |
हवलदार हंगपन दादा,(अशोक चक्र) |
मेजर शैतान सिंह मराठी माहिती |
हाइफा का युद्ध |
बाना सिंह |
हरियाणा में कौन परमवीर चक्र विजेता है |
Sergeant Khairnar Milind Kishore
सार्जेंट मिलिन्द किशोर भारतीय वायु सेना के विशेष दल ( गरुड़ कमांडो)का हिस्सा थे।वे सार्जेंट के पद पर तैनात थे।
11 अक्टूबर 2017 को श्रीनगर के बांदीपुरा में एक सर्च अभियान में सार्जेंट मिलिन्द किशोर ने बुरी तरह घायल होने पर भी 01 आतंकी को मार गिराया था,और एक अन्य को घायल कर दिया था,बाद में अत्याधिक मात्रा में रक्त बह जाने के कारण सार्जेंट मिलिन्द किशोर ने 92 बेस मिलिर्टी हॉस्पिटल में पहुंचाया गया ,उन्होंने यहां पर अंतिम सांस ली।
इस अभियान में अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए सार्जेंट मिलिन्द किशोर को शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
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सार्जेंट मिलिन्द किशोर का जन्म 17 फरवरी 1984 में महाराष्ट्र में नासिक जिले के सकरी गांव में हुआ था इनके पिता का नाम श्री किशोर और माता का नाम सुनंदा किशोर हैं।सार्जेंट मिलिन्द किशोर ने शिक्षा पूरी करने के बाद सन 2002 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए और बाद वे गरुड़ कमांडो फोर्स के सदस्य बन गए।
हाजिन ऑपरेशन: 11 अक्टूबर 2017
सार्जेंट मिलिन्द किशोर 2017
में श्रीनगर के बांदीपुरा में 13 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ एक ज्वाइंट अभियान में शामिल थे।10 अक्टूबर 2017 को एक खुफिया जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों के द्वारा बांदीपुरा के हाजिन इलाके में में एक सयुक्त आतंकवादी विरोधी अभियान चलाया गया। ,11 अक्टूबर 2017 को सुबह के 04 बजे सेना का आतंकवादियो से आमना सामना हों गया,आतंकीयो ने भागने की कोशिश की और सुरक्षा बलो के ऊपर फायर खोल दिया।इस भारी गोला बारी में सार्जेंट मिलिन्द किशोर ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया,और 1 आतंकी को मार गिराया और एक अन्य को घायल कर दिया,सार्जेंट मिलिन्द किशोर ने अपनी सटीक गोला बारी से आतंक वादियों के भागने के प्रयास को विफल कर दिया,इस गोलाबारी के आदान प्रदान में सार्जेंट मिलिन्द किशोर को भी गोली लग गई और वे बुरी तरह घायल हो गए।जिसके कारण उनको 92 बेस हॉस्पिटल ले जाया गया परन्तु वे वीरगति को प्राप्त हो गए
सार्जेंट मिलिन्द किशोर के इस सर्वोच्च बलिदान,के लिए इनको शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
सार्जेंट मिलिन्द किशोर अपने पीछे अपने माता पिता अपनी धर्मपत्नी श्रीमती हषृदा , बेटी वेदिका ,और अपने बेटे गगन को छोड़ गए हैं।
Corporal Nilesh Kumar Nayan
कॉरपोरल निलेश कुमार नयन भारतीय वायु सेना के विशेष दल ( गरुड़ कमांडो)का हिस्सा थे।वे कॉरपोरल के पद पर तैनात थे।
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11 अक्टूबर 2017 को श्रीनगर के बांदीपुरा में एक सर्च अभियान में गोली लगने के कारण ये वीरगति को प्राप्त हो गए थे।इस अभियान में इन्होंने असीम साहस का परिचय दिया और अपनी जान की परवाह ना करते हुए आतंकवादियों पर लगातार गोलाबारी जारी रखी जिससे आतंकी भागने में असफल रहे ।कॉरपोरल निलेश कुमार नयन ने एक आतंकी को वही ढेर कर दिया और एक अन्य को घायल कर दिया ,इस कार्यवाही में इनको कई गोली लगी मगर फिर भी वे मोर्चे पर डटे रहे और लगातार गोलाबारी करते रहे।बाद में वे वीरगति को प्राप्त हो गए
इस अभियान में अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए कॉरपोरल निलेश कुमार को शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
कॉरपोरल निलेश कुमार नयन का जन्म 10 फ़रवरी 1986 में बिहार के भागलपुर जिले में हुआ था।सन 2005 में ये भारतीय वायु सेना में सामिल हुए और उसके बाद गरुड़ कमांडो दल के सदस्य बने।
जय हिन्द ।।इन वीरों के बारे में लिखते लिखते मेरी कलम की स्याही सुख जाती हैं,पता नहीं उसकी मां, पत्नी ,बहन,बेटी के आंसु कैसे सुखे होंगे।।
जय हिन्द जय भारत!!!!!
मन समर्पित तन समर्पित,और यह जीवन समर्पित,लेकिन फिर भी लगता मेरे देश तुझे कुछ और भी दू।।।।
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