जल्द ही होगी 'अग्निवीर' (Agniveer) सैनिकों की भर्ती युवा हो जाय तैयार???

 'अग्निवीर' (Agniveer)  इन इंडियन आर्मी

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'अग्निवीर' (Agniveer) क्या है,,ये एक शब्द नहीं बल्कि भारतीय सेना में बदलाव का एक अध्याय है,,आज हम बात करेंगे की ये कितना सही है और कितना गलत । कुछ मायनों में देखा  जाय तो ये सही भी है लेकिन भारतीय सेना और हमारे देश के हालात को देखते हुए ये बिलकुल गलत है ऐसा मेरा मानना है,भारत सरकार ने भारतीय सेना में युवाओं को 4 साल के लिए भर्ती करने का प्लान बनाया है ,इस प्लान को अग्निवीर का नाम दिया गया है,अग्निवीर योजना पश्चिमी देशों की सेना को देखकर बनाई गई एक योजना है, अमेरिका,इजराइल जैसे देशों में भी 4 साल ,या 5 साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल किया जाता है,इजराइल में तो 5 साल सेना की नौकरी सबके लिए जरूरी है ,जो युवा 4 साल के लिए भारतीय सेना में भर्ती होंगे उनको 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी,,उसके बाद उनको यूनिट  या अलग अलग जगहों पर भेजा जाएगा,,और 30 हजार से 40 हजार तक हर महीने पे दी जाएगी,4 साल बाद उनको सेवा निधि स्कीम के द्वारा लगभग 12 लाख रुपए दिए जाएंगे,अग्नि वीरो को कोई पेंशन नहीं दी जाएगी,100 में से 25 अग्निबीर ही 4 साल से आगे की नौकरी कर पाएंगे,इसका मतलब ये है की केवल 25 %'अग्निवीर' (Agniveer) की सेना में आगे की नौकरी कर पाएंगे,,उसके बाद जो अग्निवीर 4 साल बाद रिटायर हो जायगा उनको बीएसएफ ,सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी आदि अर्ध सैनिक बलों में भर्ती होने के लिए वीर्यता दी जाएंगी,ऐसा सरकार का कहना है,

अब मैं आपको बताता हु की इसके मेरे ख्याल से 'अग्निवीर' (Agniveer) सैनिकों के क्या नुकसान है,सरकार के हिसाब से एक सैनिक 6 मंथ की ट्रेनिंग करेगा ,,लेकिन सेना में ट्रेनिंग तो हमेशा चलती रहती है,एक जवान जब भर्ती होता है तब से लेकर जब तक वो रिटायर nhi हो जाता है तब तक उसकी ट्रेनिंग खत्म नहीं होती है,सिर्फ ट्रेनिंग पूरी करने से ही एक रंगरूट  एक सैनिक nhi बन जाता ,,एक ट्रेंड सैनिक बनने में उसको बहुत टाइम लगता है,मेरे ख्याल से सेना में अनुभव का बहुत बड़ा रोल है,,अनुभव ही सेना को मजबूत बनाता है,4 साल के सैनिक को क्या अनुभव होगा,,वो तो सिर्फ लाइन की सफाई ही कर सकता है,,सरकार का कहना है कि इससे सेना में 25 साल तक के युवा जायदा होंगे,लेकिन सिर्फ यूवा होने से काम नही चलता ,,उन युवाओं को कंट्रोल कौन करेगा,,जब एक सैनिक यूनिट के बाद राष्ट्रीय राइफल में पोस्टिंग जाता है तो उसको 3 साल की पोस्टिंग मिलती है,,इन अग्निविरो को कहा की पोस्टिंग दी जाएगी,4 साल की नौकरी है इनको तो मैदानी जगहों पर ही रखा जाएगा फिर ये किस बात की 'अग्निवीर' (Agniveer) हुए,,

भारतीय सेना में एक सैनिक जितना पुराना होता है उसके ऊपर उतना विश्वास बढ़ जाता है,वो किसी की काम को कर सकता है,, फिर वो आतंक वादी विरोधी अभियान हो या सियाचिन की बर्फीली ठंड वो आराम से अपनी ड्यूटी कर सकता है,4 साल का सैनिक तो ये ही सोचेगा की अब मैंने घर जाना है उसके बाद क्या करूंगा,,वो अपना बेस्ट यूनिट को दे ही नही पाएगा ,और भारतीय सेना के मोटो नाम ,नमक,और निशान के लिए अपने आप को समर्पित nhi कर पाएगा,,सरकार ने ये कदम सेना को मजबूत करने के लिए nhi utya हैं बल्कि अपना पेंशन का बोझ कम करने के लिए उठाया है,,भारत सरकार अपना बोझ कम करने के लिए सेना को भी नहीं छोड़ रही है,,अगर इनको अपना बोझ कम करना है तो सांसद,विधायक,,इनकी पेंशन बंद करे,,ये 4 साल की टूर ऑफ ड्यूटी बिलकुल भी सही nhi है,,'अग्निवीर' (Agniveer) का फैसला एक गलत फैसला है सरकार को इसके ऊपर फिर से सोचना चाहये,,और हमारे अधिकारी जो ऊपर बैठे है उनको भी इसका विरोध करना चाहिए,। हमारी सरकार अमेरिकी सेना  और इजराइल की सेना का उदाहरण दे रही हैं,तो आपको पता है की अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में कितने साल रही फिर भी लास्ट में उनको अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा,और इजराइल की आबादी बहुत कम है इसलिए उनको सेना में5 साल अनिवार्य करना पड़ा,,हमारे देश में सैनिक ही सेना की ताकत है उनका अनुभव ही सेना की रीड की हड्डी है,,आप जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं देख लो क्या 4 साल का सैनिक उन घटनाओं से निपट पाएगा,,नही वो खुद तो मरेगा बाकी सैनिकों की लाइफ में मुश्किल में डालेगा, एक रंगरूट जो अपनी 9 मंथ की ट्रेनिंग पूरी करके यूनिट में जाता है,,वहा भी उनको 5 साल तक सिखाया जाता है,,तब जाकर वो एक ट्रेंड सैनिक बनता है,,सिर्फ 6 मंथ की ट्रेनिंग से क्या बनेगा ,,ये तो भारतीय सरकार को पता ही नही है,,

हमारे अधिकारी जो रक्षा विशेषज्ञय बने है और टीवी शो में ज़ोर ज़ोर से हल्ला करते है ,यूट्यूब में हल्ला करते है उनका काम है ki सेना को संविदा पर होने से बचाएं,,सेना ही हमारी ताक़त है उसके साथ खिलवाड़ न करे,अभी सरकार के प्लान के मुताबिक 46 हजार 'अग्निवीर' (Agniveer) की भर्ती इस साल की जानी है,

जय हिंद

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