फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा
कौन थे फील्ड मार्शल करिअप्पा?
IMAGE SOURCE GOOGAL |
जिंदगी में ऐसा काम करो कि आने वाली पीढ़ियां आपकी मिसाल दे,आज एक ऐसे ही जनरल की बात करेंगे,जिनकी बहादुरी और नेतृव क्षमता के कारण आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी हमलों को नाकाम ही नहीं किया बल्कि कई इलाकों पर अपना कब्जा भी किया,
और उनके कारण ही लेह आज हमारे देश का हिस्सा हैफील्ड मार्शल केएम करिअप्पा ने 1947 के भारत पाकिस्तान युद्ध में पश्चमी सीमा पर भारतीय सेना का नेत्रत्व किया
फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले सेनाध्यक्ष थे,और दूसरे फील्ड मार्शल ।फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा का जन्म कर्नाटक में 28 जनवरी 1899 में हुआ था, इनके पिता एक राजस्व अधिकारी थे,
Field Marshal KM Cariappa की शुरुवाती पढ़ाई मादेकरी के सेंट्रेल स्कूल में हुई , वह तीव्र बुद्धि वाले थे, शुरुवाती पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने आगे की शिक्षा मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से पूरी की,वह एक होनहार छात्र के साथ एक अच्छे खिलाड़ी भी थे,परिवार के सभी लोग इनको चिम्मा कहकर बुलाते थे ;सन 1921 में किंगस कमीशंड इंडियन ऑफिसर के पहले दल में शामिल हुए ;और इंदौर में कड़ी ट्रेनिंग दी गई ;जिसके बाद कर्नाटक इन्फेंट्री में अस्थाई सेकंड लेफ्टिनेंट बना देय गया ;सन 1922 में इनको स्थाई कमिसन दिया गया और सन 1923 में स्थाई कमिसन दिया गया ;सन १९३३ में क्वेट्टा के स्टाफ कॉलेज में ट्रेनिंग करने वाले वे पहले भारतीय अधिकारी थे ;सन १९३८ में इनको मेजर के पद पर पदोनत किया गया जिसके बाद इन्होने इराक;सरिया और ईरान में अपनी सेवा दी ;सन 1942 में इनको एक यूनिट की कमांड दी गई '
किसी यूनिट को कमांड करने वाले वे पहले भारतीय बन गये ; सन 1946 में इनको लेफ्टिनेंट कर्नल का पद पर पद्दोनत किया गया ;और इसी साल इनको ब्रिगेडियर का पद दिया गया ;सन 1947 में इनका चयन इम्पीरियल डिफैंस कॉलेज यूनाइटेड किंगडम में एक ट्रेनिंग कोर्स के लिये हुआ ;'इस कोर्स के लिये चुने जाने वाले वे पहले भारतीय थे /
IMAGE SOURCEGOOGAL |
सन 1947 बटवारे के समय के समय इनको सेना के बटवारे का जिम्मा दिया गया ;भारत देश की आज़ादी के बाद इनको मेजर जनरल रैंक के साथ डिप्टी चीफ ऑफ़ द जनरल स्टाफ का पद दिया गया ;इसके बाद इनको लेफ्तेंनेट जनरल के पद पर पद्दोनत किया गया और इस्टर्न कोर का कमांडर बनाया गया 'सन 1947 में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया ,उस समय इनको पश्चमी कमांड का जी -ओ सी -इन चीफ बनाया गया ;इस युद्द में जनरल करियप्पा की महत्वपूर्ण भूमिका रही ,इनके नेत्र्तव में भारतीय सेना ने जोजिला ;द्रास ; कारगिल और कई महत्वपूर्ण इलाको में कब्ज़ा किया ;युद्ध समाप्त होने के बाद 15 जनवरी सन 1949 में जनरल करियप्पा को भारतीय सेना का सेना प्रमुख बनया गया 'इस प्रकार वे भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बन गए ;सन 1953 में वे भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गये .जिसके बाद इनको आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड मे भारत का उचायुक्त बनया गया .यहा पर उन्होंने सन 1956 तक अपनी सेवाए दी ;
सन 1986 में उनको फ़ील्ड मार्शल की उपाधि दी गई ,फ़ील्ड मार्शल के.ऍम .करियप्पा का निधन 15 मई 1993 में हुआ जिस समय उनकी उम्र 94 थी ;भारतीय सेना में उनके महान योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा ;
जय हिन्द
1 टिप्पणियाँ
jai hind
जवाब देंहटाएं