कुमाऊं रेजीमेंट का इतिहास और पूरी जानकारी
कुमाऊं रेजीमेंट.....
कुमाऊं रेजिमेट इंडियन आर्मी की एक इन्फेंट्री बटालियन है, कुमाऊं रेजिमेंट का इतिहास बहुत ही गौरव शाली रहा है,,इंडियन आर्मी के पहले परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा कुमाऊं रेजिमेंट के ही थे,उत्तराखंड के कुमाऊं और उत्तर प्रदेश के अहीर जाती की युवाओं को कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती किया जाता है,,18 बि सदी में कुमाऊं के लोगो की अलग से कोई पलटन नही थे ,कुमाऊ के यूवा 5 वी गोरखा राइफल्स ,और तीसरी गोरखा राइफल्स में भर्ती किए जाते थे ,,इससे पहले भी कुमाऊं के वीर सैनिकों ने कई युद्ध लड़े ,और एक वीर जाती के रूप में सामने आई, जो युद्ध कौशल में माहिर और परंपरागत थे,18 वि सदी के समय कुमाऊं के युवाओं को ब्रिटिश इंडियन आर्मी में भर्ती किया जाता था,कुछ कुमाऊं के सैनिक हैदराबाद के निजाम की फौज में भी अपनी सेवाए de रहे थे, कुमाऊं रेजिमेंट में उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके, मैदानी इलाको में रहने वाले यादव (अहिर,)और मैदानी इलाकों के अलग अलग जाती के लोग भर्ती किए जाते है ,1813 से पहले कुमाऊँ की सैनिक हेदराबाद निजाम की सेना की तरफ से लड़ाई लड़ते थे
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 अक्टूबर 1917 को रानीखेत में पहली कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना की गई,और इसका नाम 4/39 कुमाऊं राइफल रखा गया,1918 में इस बटालियन को पहली बटालियन 50 बी कुमाऊं राइफल्स का नाम दिया गया और एक और बटालियन का गठन किया गया, सन् 1923 में इन दोनो बटालियन को हैदराबाद रेजीमेंट में मिला दिया गया,,,इसके बाद 27 अक्टूबर 1945 को दूसरे विश्व युद्ध के बाद 19 बी हैदराबाद रेजिमेंट का नाम बदलकर 19 बी कुमाऊं रेजिमेंटकर दिया गया, कुमाऊं रेजिमेंट ने आजादी से पहले अनके युद्ध में भाग लिया और कई मिलिट्री अवार्ड और थियेटर अवार्ड हासिल किए,
आजादी की बाद कुमाऊं रेजिमेंट ने हर युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया है ,,और कई मिलिट्री अवार्ड और कोई थियेटर अवार्ड हासिल किया है 1947 _1948 के भारत पाकिस्तान युद्ध में 1 कुमाऊं और 4 कुमाऊं में बहुत ही बहादुरी से लड़ाई ladi ,4 कुमाऊ के मेजर सोमनाथ शर्मा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था,
इसके बाद सन् 1962 में भारत चीन के युद्ध में रेजांगा लॉ के युद्ध में 13 कुमाऊं के मेजर शैतान सिंह को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया,,, कुमाऊं रेजीमेंट ने 1962 का युद्ध,1965 का युद्ध,1971 का युद्ध, ऑपरेशन मेघदूत,कारगिल वॉर सभी में हिस्सा लिया और कई मिलिट्री गैलेंट्री अवार्ड अपने नाम किए,
कुमाऊं रेजिमेंट की इस समय 21 बटालियन अपनी सेवाए दे रही है,
कुमाऊं रेजिमेट की बटालियन........
कुमाऊ स्काउट।
2 कुमाऊ रेजिमेंट
3 कुमाऊ रेजिमेंट
4कुमाऊ रेजिमेंट(पीवीसी पलटन)
5 कुमाऊ रेजिमेंट
6 कुमाऊ रेजिमेंट
7 कुमाऊ रेजिमेंट
8 कुमाऊ रेजिमेंट
9 कुमाऊ रेजिमेंट
11 कुमाऊ रेजिमेंट
12 कुमाऊ रेजिमेंट
13 कुमाऊ रेजिमेंट(पीवीसी पलटन)
15 कुमाऊ रेजिमेंट
16 कुमाऊ रेजिमेंट
17 कुमाऊ रेजिमेंट
18 कुमाऊ रेजिमेंट
19 कुमाऊ रेजिमेंट
20 कुमाऊ रेजिमेंट
21 कुमाऊ रेजिमेंट
111 TA बटालियन
130 TA बटालियन
1 कुमाऊ बटालियन( 1 कुमाऊ को 3 पैरा स्पेशल फोर्सेज में बदल दिया गया है,
10 कुमाऊ रेजिमेंट( अब कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर,)
14 कुमाऊ रेजिमेंट(को 5 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में बदल दिया गया है,
कुमाऊं रेजीमेंट का मोटो.......
पराक्रमो विजयते,
कुमाऊं रेजिमेंट का वॉर क्राई........ कालिका माता की जय,राधा कृष्ण की जय
कुमाऊं रेजिमेंट के पास अवार्ड.......
परमवीर चक्र..........…....2
अशोक चक्र.................4
महावीर चक्र...............13
कीर्ति चक्र...............8
वीर चक्र........... 82
सेना मैडल......... 80
कुमाऊं रेजीमेंट का रेजिमेंटल सेंटर......... रानीखेत उत्तराखंड में है,
परमवीर चक्र.......
भारतीय सेना के पहले परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा थे ,,मेजर सोमनाथ शर्मा 4 कुमाऊं की डेल्टा कंपनी के कंपनी कमांडर थे,,1947 के युद्ध में मरणोपरांत मिला था परम वीर चक्र,
मेजर शैतान सिंह को 1962 के युद्ध के लिए परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था,मेजर शैतान सिंह 13 कुमाऊं के चार्ली कंपनी के कंपनी कमांडर थे,
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 अक्टूबर 1917 को रानीखेत में पहली कुमाऊं रेजिमेंट की स्थापना की गई,और इसका नाम 4/39 कुमाऊं राइफल रखा गया,1918 में इस बटालियन को पहली बटालियन 50 बी कुमाऊं राइफल्स का नाम दिया गया और एक और बटालियन का गठन किया गया, सन् 1923 में इन दोनो बटालियन को हैदराबाद रेजीमेंट में मिला दिया गया,,,इसके बाद 27 अक्टूबर 1945 को दूसरे विश्व युद्ध के बाद 19 बी हैदराबाद रेजिमेंट का नाम बदलकर 19 बी कुमाऊं रेजिमेंटकर दिया गया, कुमाऊं रेजिमेंट ने आजादी से पहले अनके युद्ध में भाग लिया और कई मिलिट्री अवार्ड और थियेटर अवार्ड हासिल किए,
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आजादी की बाद कुमाऊं रेजिमेंट ने हर युद्ध में अपनी वीरता का लोहा मनवाया है ,,और कई मिलिट्री अवार्ड और कोई थियेटर अवार्ड हासिल किया है 1947 _1948 के भारत पाकिस्तान युद्ध में 1 कुमाऊं और 4 कुमाऊं में बहुत ही बहादुरी से लड़ाई ladi ,4 कुमाऊ के मेजर सोमनाथ शर्मा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था,
इसके बाद सन् 1962 में भारत चीन के युद्ध में रेजांगा लॉ के युद्ध में 13 कुमाऊं के मेजर शैतान सिंह को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया,,, कुमाऊं रेजीमेंट ने 1962 का युद्ध,1965 का युद्ध,1971 का युद्ध, ऑपरेशन मेघदूत,कारगिल वॉर सभी में हिस्सा लिया और कई मिलिट्री गैलेंट्री अवार्ड अपने नाम किए,
कुमाऊं रेजिमेंट की इस समय 21 बटालियन अपनी सेवाए दे रही है,
कुमाऊं रेजिमेट की बटालियन........
कुमाऊ स्काउट।
2 कुमाऊ रेजिमेंट
3 कुमाऊ रेजिमेंट
4कुमाऊ रेजिमेंट(पीवीसी पलटन)
5 कुमाऊ रेजिमेंट
6 कुमाऊ रेजिमेंट
7 कुमाऊ रेजिमेंट
8 कुमाऊ रेजिमेंट
9 कुमाऊ रेजिमेंट
11 कुमाऊ रेजिमेंट
12 कुमाऊ रेजिमेंट
13 कुमाऊ रेजिमेंट(पीवीसी पलटन)
15 कुमाऊ रेजिमेंट
16 कुमाऊ रेजिमेंट
17 कुमाऊ रेजिमेंट
18 कुमाऊ रेजिमेंट
19 कुमाऊ रेजिमेंट
20 कुमाऊ रेजिमेंट
21 कुमाऊ रेजिमेंट
111 TA बटालियन
130 TA बटालियन
1 कुमाऊ बटालियन( 1 कुमाऊ को 3 पैरा स्पेशल फोर्सेज में बदल दिया गया है,
10 कुमाऊ रेजिमेंट( अब कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर,)
14 कुमाऊ रेजिमेंट(को 5 मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में बदल दिया गया है,
कुमाऊं रेजीमेंट का मोटो.......
पराक्रमो विजयते,
कुमाऊं रेजिमेंट का वॉर क्राई........ कालिका माता की जय,राधा कृष्ण की जय
कुमाऊं रेजिमेंट के पास अवार्ड.......
परमवीर चक्र..........…....2
अशोक चक्र.................4
महावीर चक्र...............13
कीर्ति चक्र...............8
वीर चक्र........... 82
सेना मैडल......... 80
कुमाऊं रेजीमेंट का रेजिमेंटल सेंटर......... रानीखेत उत्तराखंड में है,
परमवीर चक्र.......
भारतीय सेना के पहले परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा थे ,,मेजर सोमनाथ शर्मा 4 कुमाऊं की डेल्टा कंपनी के कंपनी कमांडर थे,,1947 के युद्ध में मरणोपरांत मिला था परम वीर चक्र,
मेजर शैतान सिंह को 1962 के युद्ध के लिए परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था,मेजर शैतान सिंह 13 कुमाऊं के चार्ली कंपनी के कंपनी कमांडर थे,
13 कुमाऊं की चार्ली कंपनी ने सिर्फ 120 सैनिकों के साथ
रेजांग लॉ की लड़ाई ladi और मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व 123 सैनिकों ने 1300 चीनी सैनिक मार गिराए,,इस युद्ध में चार्ली कम्पनी के 109 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे,इस लड़ाई में चीनी सेना ने भी 13 कुमाऊं की वीरता का लोहा माना था,
रेजांग लॉ की लड़ाई ladi और मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व 123 सैनिकों ने 1300 चीनी सैनिक मार गिराए,,इस युद्ध में चार्ली कम्पनी के 109 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे,इस लड़ाई में चीनी सेना ने भी 13 कुमाऊं की वीरता का लोहा माना था,
महावीर चक्र..........
1. लेफ्टिनेंट कर्नल धर्म सिंह (1947 के युद्ध के लिए)
2. सिपाही मान सिंह (1947 के युद्ध के लिए
3. नायक नर सिंह ( 1947 के युद्ध के लिए
4. सिपाही दीवान सिंह (1947
5. मेजर मलकीत सिंह ( 1947 के युद्ध के लिए)
6. जनरल टी एन रैना (1962 के युद्ध के लिए)
7. लेफ्टिनेंट कर्नल मन मोहन खन्ना (1947 के युद्ध के लिए)
अशोक चक्र............
1.मेजर भुकांत मिश्रा (1984 ऑपरेशन ब्लू स्टार ,15 कुमाऊं
2. नायक निर्भय सिंह (1984 ऑपरेशन ब्लू स्टार,15 कुमाऊं।
3. सूबेदार सज्जन सिंह(1994 जम्मू कश्मीर,13 कुमाऊं।
4. नायक रणबीर सिंह तोमर( 15 कुमाऊं ,,जम्मू कश्मीर
कीर्ति चक्र.........
1. कर्नल नरेंद्र कुमार
2. सिपाही उमेश चंद्र
3. लांस नायक रमेश सिंह
4. मेजर हितेश कुमार
5. कैप्टन अनिल मल्होत्रा
6. नायक गोपाल सिंह
7. लेफ्टिनेंट कर्नल ओ.दास
8. मेजर सुरेश सूरी
शौर्य चक्र,...........
1. नायक उर्बा दत्त ( 3 कुमाऊं,199 में)
तो दोस्तो ये थी कुमाऊं रेजिमेंट को जानकारी अगर आपको कोई जानकारी हो तो हमें जरूर बताएं,,ताकि हैं उसको अपने पेज में edit कार्य सके,
जय हिंद,
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