मोटिवेशन और माइंड वाश में क्या अंतर है क्या मोटिवेशन की हद के बाद कि परिक्रया को माइंड वाश कहना उचित है??
1. मोटीवेशन:------ IMAGE SOURCE GOOGAL
पहले हम जानते हैं कि मोटीवेशन क्या है। मोटीवेशन मतलब प्रेरणा।जब हम जिंदगी में हार रहे होते हैं और हमें कोई भी रास्ता आगे का दिखाई नहीं दे रहा होता है कि हमें अब क्या करना है,हम अपनी जिंदगी से थक गए होते हैं और कभी कभी इतना परेशान हो जाते हैं कि है हमे लगता है दुनियां में सबसे अधिक कमजोर इंसान अगर कोई है तो वो मै ही हूं या हम ही हैं।तब अचानक,कोई किताब,कोई इंसान, जिंदगी में आता है और हमे गाइड करता है कि हमे क्या करना है ,हम उसकी जिंदगी से सीखते हैं, कि उसने कैसे अपने बुरे हालात में संघर्ष किया, या कैसे उस इंसान ने अपने मजबूत इरादे और मेहनत ,इच्छाशक्ति हार न मानने की ज़िद से अपनी एक बेहतर जिंदगी बनाई।
कैसे कोई शुन्य से शिखर तक गया।हम जो हारा हुआ होता है वो उसको मिली सफलता से उत्साहित होता है और सोचता है कि जब ये कर सकता है तो मै भी कर सकता हु।और वो हारा हुआ इंसान एक बार फिर से पूरी मेहनत करता है।दिल से,आशावादी बन कर ,और वो अपनी मेहनत से कामयाब होता है ।तो देखा आपने ये है मोटीवेशन!!!
मोटीवेशन मतलब किसी को राह दिखाना,जैसे एक छोटी सी रोशनी की किरण भी घुप्प अंधेरे में आशा की किरण होती है।उसी प्रकार मोटीवेशन भी हारे हुए इंसान के लिए रोशनी की किरण होती हैं।
अब बात करते हैं माइंड वॉश !!!
माइंड वॉश मोटीवेशन के वो हद है जिसमे जिसका माइंड वॉश किया जा रहा है उसको किसी चीज के लिए प्रेरित किया जाता है और वो इस कदर प्रेरित होता है कि उसको सही गलत का ज्ञान भी नहीं रहता हैं। माइंड वॉश किया जाता है कोई गलत कार्य कराने के लिए। जो माइंड वॉश कर रहा होता है उसको तो पता होता है कि ये काम ग़लत हैं लेकिन जिसका माइंड वॉश हो रहा होता हैं उसको लगता हैं कि वह बिलकुल सही कार्य कर रहा है और उसके ऐसा करने से उसको बहुत सम्मान मिलेगा।जबकि ऐसा नहीं होता है अगर ऐसा होता तो जो माइंड वॉश कर रहा होता वो खुद ही वह कार्य कर लेता जो वो उससे करवा रहा है
मोटीवेशन किया जाता है इंसान की अच्छाई , समाज की अच्छाई के लिए और माइंड वॉश किया जाता है बुराई ,समाज की बुराई विश्व की,बुराई के लिए।।इसका उदाहरण।
मोटीवेशन का है भारत की पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा वो इस क़दर मोटीवेट हुई कि एक पैर नकली होने के बावजूद भी एवरेस्ट पर चढ गई और माइंड वॉश का उदाहरण है अमेरिका में जो जहाज़ वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर टकराया था।उसका जो पायलेट था उसका माइंड वॉश था बिलकुल।
मोटीवेशन और माइंड वॉश दोनों किसी से प्रेरित होते हैं।लेकिन मोटीवेशन में कार्य करने वाले को पता होता हैं कि इस कार्य का रिजल्ट क्या होगा ।जबकि माइंड वॉश वाले को नहीं पता होता है कि जो कार्य वो करने जा रहा है उसका रिजल्ट क्या होगा। मोटीवेशन और माइंड वॉश अगल हैं।
अतः मोटीवेशन की हद है कामयाबी।
और माइंड वॉश की हद तो पागल पन है आप सबको भी पता है
धन्यवाद!!!
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